आकाशगंगाओं में केवल अरबों-खरबों तारे ही नहीं बल्कि धूल व गैस के विशाल बादल बिखरे पड़े हैं। सैकड़ों प्रकाशवर्ष दूर तक फैले इन बादलों में लाखों- तारों के पदार्थ सिमटे हुए हैं। इन्हें निहारिकाएँ (nebule) कहते हैं। ये सैकड़ों भ्रूण तारों को अपने गर्भ में समेटे रहती हैं। हमारी अपनी आकाशगंगा में भी हजारों निहारिकाएं हैं, जिनसे हर पल सैकड़ों तारे पैदा होते हैं। तारों की भी एक निश्चित आयु होती हैै। सूर्य जैसे मध्यम आकार के तारों की जीवन यात्रा लगभग 10 अरब वर्ष लम्बी है। सूर्य के आधे आकार के तारों की उम्र इससे भी दुगुनी होती है। पर भारी-भरकम तारों की जीवन-लीला कुछ करोड़ वर्षों में ही समाप्त हो जाती है। तारों का अंत सुपरनोवा विस्फोट के रूप में होता है।
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ब्रह्मांड का अस्तित्व
आकाशगंगाओं में केवल अरबों-खरबों तारे ही नहीं बल्कि धूल व गैस के विशाल बादल बिखरे पड़े हैं। सैकड़ों प्रकाशवर्ष दूर तक फैले इन बादलों में लाखों- तारों के पदार्थ सिमटे हुए हैं। इन्हें निहारिकाएँ (nebule) कहते हैं। ये सैकड़ों भ्रूण तारों को अपने गर्भ में समेटे रहती हैं। हमारी अपनी आकाशगंगा में भी हजारों निहारिकाएं हैं, जिनसे हर पल सैकड़ों तारे पैदा होते हैं। तारों की भी एक निश्चित आयु होती हैै। सूर्य जैसे मध्यम आकार के तारों की जीवन यात्रा लगभग 10 अरब वर्ष लम्बी है। सूर्य के आधे आकार के तारों की उम्र इससे भी दुगुनी होती है। पर भारी-भरकम तारों की जीवन-लीला कुछ करोड़ वर्षों में ही समाप्त हो जाती है। तारों का अंत सुपरनोवा विस्फोट के रूप में होता है।
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