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ब्रह्मांड का आने वाला समय

ब्रह्मांड का आने वाले समय में क्या भविष्य क्या है, सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है? क्या अनंत ब्रह्म्ïड अनंतकाल तक विस्तार लेता ही जाएगा? सैद्धांतिक दृष्टि से इस बारे में तीन तस्वीरें उभरती हैं। सुदूर में अदृश्य व दृश्य पदार्थ के वर्चस्व मे गुरुत्व बल भारी पड़ा और ब्रह्मांड के फैलने की गति धीमी हुई। ब्रह्मांड के बढ़ते आकार में धीरे-धीरे पदार्थों की ताकत घटने लगी और अदृश्य ऊर्जा रूपी विकर्षण शक्ति अपना प्रभाव जमाने लगी। फलत: ब्रह्मांड के फैलने की दर तेज हुई। अगले 100 अरब साल तक यदि यह दर स्थिर भी रहे तो बहुत सी आकाशगंगाओं का अंतिम प्रकाश भी हम तक नहीं पहुँच पाएगा। अदृश्य ऊर्जा का प्रभुत्व बढऩे पर फैलने की दर तेज होती हुई आकाशगंगाओं, सौर परिवार, ग्रहों, हमारी पृथ्वी और इसी क्रम में अणुओं के नाभिक  तक को 'नष्ट-भ्रष्टÓ कर देगी। इसके बाद क्या होगा इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। लेकिन यदि अदृश्य ऊर्जा के पतन से पदार्थों का साम्राज्य पुन: स्थापित होता है यानि पदार्थ सघन होकर गुरुत्वीय प्रभाव को और अधिक बलशाली बना देते हैं तो दूरस्थ आकाशगंगाएँ भी हमें आसानी से नजर आने लगेंगी। यदि अदृश्य ऊर्जा ऋणात्मक हो जाती है तो ब्रह्मड पहले धीरे-धीरे और फिर तेजी से अपने आदिस्वरूप के छोटे बिंदु में सिमटने के लिए विवश होगा। निर्वात भौतिकी या शून्यता ब्रह्मड का भविष्य निश्चित करेगी। अमेरिकी ऊर्जा विभाग और नासा ने मिलकर अंतरिक्ष आधारित एक अति महत्वकांक्षी परियोजना 'ज्वाइंट डार्क एनर्जी मिशनÓ का प्रस्ताव रक्खा है। अगले दशक में पूर्ण होने वाली इस परियोजना में दो मीटर व्यास की एक अंतरिक्षीय दूरबीन स्थापित की जानी है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने भी 2007 में प्लांक अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किया है। यह अंतरिक्ष यान प्रारम्भिक अंतरिक्षीय विकिरण का अध्ययन अधिक गहराई और सूक्ष्मता से कर सकता है। 

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